दोस्तों हमें इस दुनिया में कुछ भी हमारी काबलियत से मिलता है न की किसी प्रकार की जबरदस्ती की ज़िद्द से। अच्छी नौकरी के लिए हमें खुद को तैयार करना पड़ता है।
इस दुनिया में कोई भी कंपनी किसी भी नौकरी करने वाले को तब तक नौकरी पर नहीं रखती जब तक के उसके अंदर एक कर्मचारी वाली खासियत न हो। हमें दुनिया में कई तरह के रास्तों को तय करना पड़ता है, जिंदगी को जिस तरह हम तीन भागो में बाँटते है जैसे की बचपन, जवानी और बुढापा उसी तरह अगर हम अपनी जिंदगी को करियर की नजर से देखें तो
हमारा घर और हमारा परिवार हमारा सबसे पहला शिक्षक है,
दूसरा हमारा वो स्कूल जहां पर हमने हर वो छोटी बड़ी चीज़े सिखी जो जिंदगी को आगे बढ़ने के लिए बहुत जरुरी थी।
उसके बाद कॉलेज या फिर यूनिवर्सिटी,
फिर कोई भी छोटी सी नौकरी या इंटर्नशिप।
लेकिन करियर के रास्ते में कभी भी फुल स्टॉप लगाना शायद हमारे बन रहे करियर में Full Stop करने जैसा है। क्यों की कुछ बच्चे अच्छे कॉलेज या अच्छी यूनिवर्सिटी से पढ़ कर निकलते ही एक अच्छी नौकरी का सपना ले कर बैठे जाते हैं। कॉलेज और यूनिवर्सिटी आपकी सिर्फ मदद करता है ताकि आप अपने रास्ते को तय कर सके जो आपके करियर और आपकी डेडिकेशन के बीच में आए।
कॉलेज सिर्फ आपको Mature बनाती है, किसी भी नौकरी के काबिल नहीं, लेकिन हां कुछ स्टूडेंट्स कॉलेज में रहकर सिर्फ पढ़ाई ना करते हुए वो बाहर पार्टटाइम नौकरी करते हैं , या फिर अपने सीनियर्स के कांटेक्ट में आते है। उनसे किसी प्रकार की सलाह ले कर उस पर अमल करते हैं। वो केवल कॉलेज या स्कूल की पढाई पर निर्भर हो कर नहीं बैठते। ज़िन्दगी में लिए ऐसे फैसले इनको औरो से बेहतर बनाते हैं । क्यों की ये स्टूडेंट्स अपने अंदर एक डेडिकेशन की ज्वाला जगा कर रखते हैं और अक्सर बहानो से,औरो को कोसने से , कोसो दूर ही रहते हैं । ऐसे स्टूडेंट्स किसी भी बी स्कूल में हो सकते हैं या किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में, जहा पर रह कर वो सिर्फ प्रैक्टिकल और लॉजिकल फैसलों की खुशबु फैलाते हैं ।
हमारे देश में नौकरी लोगो के लिए नहीं है जो खुद को सिर्फ धोखे में रखते आ रहे है की हमने अच्छे स्कूल और कॉलेज से डिग्री की है और जब तक हमें कोई MNC हायर करने ना आये तब तक हम फ्री बैठे रहे, और जब MNC आती है तो वो उनको हायर करके ले जाती है जो लोग प्रैक्टिकल और लॉजिकल फैसले लेने में माहिर थे। जब आपकी डिग्री पूरी हो जाए तो आप किसी प्रकार से भी आप घर पर बैठने वालो की गिनती में नहीं आते और ऐसी सूरत में यह कहना के भारत देश में नौकरी नहीं है , कहना गलत होगा।
हमारे देश में पांच लाख से ऊपर कम्पनीज है ,नौकरीयो की भरमार है इस देश में, अच्छी नौकरी के इंतज़ार में हम अपनी Quality Age को बेकार करते रहते है और फिर जब डिग्री और फालतू बर्बाद किये गए समय में समय बर्बाद करने का गैप आ जाता है और उम्र भी ज्यादा हो जाती है तो हम सरकार को कोसना शुरू कर देते है।
नौकरी शुरू के करियर में आप छोटी करो या बड़ी , कंपनी छोटी हो या बड़ी , सैलरी ज्यादा हो या कम, नौकरी दूर हो या नज़दीक, यह सब इत्तेफाक की बात है पर जब आप ऐसे फैसलों में अपना सकारात्मक कदम बढ़ाते हो तो आप अपनी किस्मत को कामयाबी की तरफ खुद रचते हो।
सिर्फ 3-5 साल में एक अच्छी और बहुत बहुत बहुत अच्छी कंपनी आपका इंतज़ार कर रही होती है क्यों की आपने खुद को कढ़ी मेहनत से एक अपने अंदर अच्छे प्रोफाइल को जन्म: दिया जिसकी दुनिया इज़्ज़त करती है। तो भला ऐसा कौन है इस दुनिया में जो आपको बेहतरीन नौकरी ना दे।
अपने करियर के दिनों में आप कुछ नए दोस्त बना सकते हो जैसे के अख़बार, न्यूज़ चैनल्स, आर्टिकल्स, Magazines,अपने से बड़े लोगो से दोस्ती, उनकी सलाह और एक्सपीरियंस, नेटवर्क बनाना, स्पोर्ट्स आदि।